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Jyotish Sewa: When does the planetary dosha come and what its solution?

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Astrologer India: Every man is born at a certain time, which is called the date of birth, his life starts from this date, as his age increases, a kind of change in life starts, two kinds of planets in each person's life. Are the first allied planets and enemy planets.

Jyotish India: When man is in the time of Mitragraha, then happiness and bliss are inhabited in life, but as the time of enemy planet comes in the horoscope of man, troubles begin in life such as serious illness, accident. , Loss of business, loss of job, home bickering, divorce in husband and wife etc. Many problems arise, this is the effect of the planet.

Online Jyotish Sewa: Now the question arises what is its solution? The wise man should first find the enemy planet, for which there are mainly two paths, first astrology and second palmistry, by examining them; we will know what exactly is the reason? The same should be followed by chanting, penance, tantra mantra and rituals.

ग्रह दोष कब आता है और इसका समाधान क्या है ? Jyotish Sewa Kendra Deoria

Jyotish Deoria: हर मनुष्य का जन्म एक निश्चित समय में होता है जिसे जन्म तिथि कहते है इस तिथि से ही उसका जीवन शुरू होता है जैसे जैसे उसकी आयु बढती है जीवन में एक तरह का परिवर्तन शुरू हो जाता है, प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में दो तरह के ग्रह होते है प्रथम मित्र ग्रह और शत्रु ग्रह |

Astrologer Deoria: जब मनुष्य मित्रग्रह के समय में होता है तो जीवन में खुशिया व आनंद का निवास हो जाता है, लेकिन जैसे मनुष्य की कुंडली में शत्रु ग्रह का समय आता है तो जीवन में परेशानियों का दौर शुरू हो जाता है जैसे गंभीर बीमारी का होना, दुर्घटना होना, व्यापार में नुकशान होना, नौकरी का छुट जाना, गृह कलह होना, पति पत्नी में तलाक हो जाना इत्यादि अनेक तरह की समस्याए उत्पन्न हो जाती है, यह ग्रह का ही प्रभाव है |

Jyotish Pandit Deoria: अब प्रश्न उठता है कि इसका उपाय क्या है? बुद्धिमान मनुष्य को चाहिए की सबसे पहले शत्रु ग्रह का पता लगाये जिसके लिए प्रमुख रूप से दो मार्ग है प्रथम ज्योतिष और दूसरा हस्तरेखा इनकी विवेचना करने से हमें यह पता चल जायेगा की वास्तव में कारण क्या है ? उसी के अनुशार जप, तप, तंत्र मंत्र और अनुष्ठान कराना चाहिए |

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