Bhagwat Katha Deoria: भगवान श्री कृष्ण ने एक संवाद में माता रुक्मणि से कहते है, हे देवी इस संसार में सत्य और असत्य में विभेद करने के लिए मैंने ही धर्म और अधर्म की स्थापना किया जिसके प्रतिनिधि दो होते है जिसे आस्तिक और नास्तिक के नाम से जाना जाता है।
Bhagwat Katha Deoria: इस संसार में धर्म और सत्य को मानने वालो को आस्तिक कहा जाता है और अधर्म तथा असत्य का अनुकरण करने वाले ही अधर्मी अर्थात नास्तिक कहे जाते है। धर्म का अनुसरण कर जो अपने व्यापार को संचालित करता है उसे मैं निरंतर वृद्धि और ख्याति के मार्ग पर ले जाता हूँ परन्तु जो अधर्म को बढ़ावा देने वाले नास्तिको को मैं धीरे धीरे समाप्त कर देता हूँ, यही शास्वत सत्य है।
Jyotish deoria: व्यापार या बिजनेश एक ऐसा शब्द है जिससे की किसी भी व्यक्ति की जरुरतो को आसानी से पूरा किया जा सकता है जैसे धन की जरुरत, भोजन की जरुरत, वस्त्र की जरुरत, धर्म कार्य, यात्रा इत्यादि बहुत से ऐसे कार्य है जो केवल धन से ही पुरे हो सकते है |
Jyotish deoria: यदि हमारा व्यापार ठीक चल रहा है तो यह निश्चित है की हमारे ग्रह, भाग्य देवता, और कुल देवता सहायक सिद्ध हो रहे है लेकिन यदि ठीक इसके बिपरीत व्यापार में नुकशान, परेशानिया आनी शुरू हो जाय तो यह समझ लेना चाहिए की समय या ग्रह हमारे विपरीत है जिससे की हमें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, इस समस्या के समाधान के लिए हमें व्यापार वृद्धि साबर मंत्र की सहायता लेनी चाहिए, साबर मंत्र की शक्ति बहुत ही प्रचंड होती है और कम समय में ही व्यापार में परिवर्तन दिखाई देने लगता है |
Jyotish deoria: व्यापार वृद्धि साबर मंत्र का अनुष्ठान बहुत ही सावधानी से और जानकर से ही कराना चाहिए क्योकि गलत होने पर लाभ के स्थान पर हानी होने की सम्भावना होती है, आप चाहे तो वेदव्यासजी महाराज मंत्र अनुसन्धान केंद्र से परामर्श ले सकते है|